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Showing posts from January, 2020

⚡Don't Do Crime ⚡

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आज हम इस पोस्ट में जानेंगे दूसरों की माता बहनों को बुरी नजर से देखने वालों का क्या हाल होता है. कबीर साहेब कहते हैं, पर द्वारा स्त्री का खोलें 70 जन्म अंधा हो डोलै। कबीर साहब बता रहे हैं कि जो व्यक्ति दूसरों की स्त्री के साथ संबंध बनाता है या बलात्कार करता है उसको अगले 70 जन्म अंधा होकर जीना पड़ता है। और अच्छे लोग ऐसा दुष्कर्म कभी नहीं करते ऐसा दुष्कर्म करने वाले मूर्ख लोग होते हैं जो खुद आग में जल जाते हैं। अच्छे लोग ऐसा पाप कभी नहीं करेंगे। गरीबदास जी भी अपनी वाणी में कह रहे हैं, गरीब ,पर द्वारा स्त्री का खोल 70 जन्म अंधा हो डोले।।  मदिरा पीवे कड़वा पानी 70 जन्म श्वान के जानी। इस वाणी में कहां है कि जो व्यक्ति अन्य स्त्री से अवैध संबंध बनाता है उसके कारण वह 70 जन्म अंधे के  प्राप्त करता है अंधा गधा-गधी अंधा बैल मनुष्य या अंधी स्त्री के लगातार 70 जन्मों में कष्ट भोगता है. इसलिए समझदार व्यक्तियों को ऐसा पाप नहीं करना चाहिए और ना ही अपने कर्म बिगाड़ने चाहिए। दूसरी स्त्रियों को उनकी आयु के अनुसार माता बहन ही समझना चाहिए जो भाव पति अपने पत्नी में र...

Gyan ganga

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  Gyan ganga इस पुस्तक में आपको मिलने वाला है एक अद्भुत ज्ञान जो आपने पहले कभी ना सुना होगा ना देखा होगा. सबसे पहले हम आपको बताएंगे  Gyan ganga पुस्तक में किस चीज का ज्ञान है. यह एक आध्यात्मिक पुस्तक है। ज्ञान गंगा पुस्तक हमारे वेद शास्त्र गीता बाइबल कुरान गुरु ग्रंथ साहिब ईन धार्मिक ग्रंथों का ज्ञान है। Gyan ganga  पुस्तक में पूर्ण परमात्मा की जानकारी दी गई है वह पूर्ण परमात्मा कहां रहता है ?कैसे मिलता है ?किसने देखा है? किस किसको मिला है? यह सब जानकारी आपको इस किताब में मिलेगी और तो और यह सृष्टि कैसे निर्माण हुई ब्रह्मा विष्णु महेश इनकी उत्पत्ति कैसे हुई क्या इनके ऊपर भी कोई भगवान है अगर है तो वह कौन है उसका नाम क्या है और उसको पाने का मार्ग हमें कैसे मिल सकता है यह सब जानकारी इस किताब में आपको मिल जाएगी. हम देख रहे हैं आज के जमाने में लोग पैसे कमाने के पीछे दौड़ रहे हैं कैसे भी करके उनके पास पैसा होना चाहिए बड़ा घर चाहिए कार चाहिए मगर यह सब इच्छा उनकी पूरी नहीं होती है तो किसी बाबा के पास जाते हैं जंतर मंतर करते हैं या ताबीज गले में बांध ते हैं। मतलब ए...

⚡ हमारे पाप कर्म का अंत हो सकता है ?⚡

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आइए आज हम बात करने वाले हैं हमारे पाप कर्म के बारे में क्या हमारे पाप कर्म समाप्त हो सकते हैं?  क्या हम सुखी हो सकते हैं?  अगर हो सकते हैं तो कैसे? 👉कई साधु-संत कहते हैं की हमारे पापों का फल हमें मिलने वाला है. 👉 अगर हमें अपने पाप कर्मों का फल मिलने वाला ही है तो भक्ति करने का क्या फायदा ? मगर संत रामपाल जी महाराज जी ने हमें बताया की परमात्मा तो घोर पॉप को भी नष्ट कर के हमें सुखी करता है।  संत रामपाल जी महाराज जी ने हमैं प्रमाण के साथ बताया कि हमारे प्रारंभ के पाप कर्म समाप्त  हो सकते हैं।  यजुर्वेद अध्याय 8 के श्लोक 13 मे  कहां है की पूर्ण परमात्मा हमारे पाप नष्ट कर सकता है। और हमें सुखी भी कर सकता है। और तो और नकली संतों ने गायत्री मंत्र भी गलत बताया है वास्तविक गायत्री मंत्र - यजुर्वेद अध्याय 36 मंत्र 3 भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं । भर्गो देवस्य धीमहि, धीयो यो न: प्रचोदयात्। वेद मंत्र में कहीं भी ॐ नहीं लिखा है। ये अज्ञानी संतो की अपनी सोच से लगाया गया है। इस पूरे विश्व में संत रामपाल जी महाराज जी एकमात्र तत्वद...

⚡Truth of Bibal⚡

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बाइबल पवित्र  बाइबल उत्पत्ति ग्रंथ से सिद्ध होता है कि परमात्मा मानव सदृश शरीर में है जिसने 6 दिन में सर्व सृष्टि रची तथा 7 वे दिन विश्राम किया। (पवित्र  बाइबल उत्पत्ति ग्रंथ पृष्ठ नंबर दो पर 1:20-2:5) छठवां दिन :- प्राणी और मनुष्य अन्य प्राणियों की रचना करके फिर परमेश्वर ने कहा हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार अपनी समानता मे बनाए जो सर्व प्राणियों को काबू रखेगा तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्ना किया अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया नर और नारी करके मनुष्य की सृष्टि की। प्रभु ने मनुष्य के खाने के लिए जितने बीज वाले छोटे पेड़ तथा जितने पेड़ों में बीज वाले फल होते हैं वह भोजन के लिए प्रदान किए हैं मांस खाने का आदेश नहीं है। माँस ना खाओ।परमात्मा की साधना करने के उद्देश्य से (रोजे)व्रत रखते हो,(तसबी) माला से जाप भी करते हो। फिर खून करते हो यानि गाय,मुर्गी-मुर्गा,बकरा मारते हो।यह परमात्मा के विधान के खिलाफ है जानवरो को मारकर खाना मानव का नही राक्षसो का कार्य है। मास खाना भगवान का आदेश नही है। पवित्र  ...

⚡KABIR is supreme God with proof ⚡

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सतगुरु पुरुष कबीर है ,चारों युग प्रवान। झूठे गुरुवा मर गए हो गए भूत मसान । पूर्ण परमात्मा KABIR जी है। हम इसे प्रमाण देकर सिध्द करेंगे। पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब सतयुग में सत सुकृत नाम से आते हैं। ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 1 मंत्र 9 और सूक्त 96 मंत्र 17  और 18 ऋग्वेद मंडल 9 के मंत्र 1 में प्रमाण है की पूर्ण परमात्मा की परवरिश कुंवारी गायों से होती है और ऐसी लीला KABIR साहिब जी ने की थी। ऋग्वेद मंडल 9 ,96 के सुक्त मंत्र 17 में प्रमाण है कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहिब बालक रूप मे प्रकट होते हैं और अपनी महिमा खुद बताते हैं। गीता अध्याय 2 का श्लोक 17 नाशरहित तो उसको जान (येन्) जिसका विनाश करने में कोई भी समर्थ नहीं है। पूर्ण परमात्मा अविनाशी है, वो कभी मरता नहीं। और वह कभी न मरने वाला अविनाशी परमेश्वर कबीर साहिब जी है। पवित्र कुरान शरीफ में प्रभु सशरीर है तथा उसका नाम कबीर है - सुरत-फुर्कानि नं. 25 आयत नं. 52 से 59 Alla Kabir 📚 सर्व सृष्टी रचनहार कबीर परमात्मा है। जो तेजोमय शरीर युक्त है। जो साधकों के लिए पूजा करने योग्य है। जिसकी प्राप्ति तत्वदर्शी संत के द्वारा बत...

Vidvan pandit ji Vs KABIR saheb ji

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||| एक विद्वान ब्राह्मण को कबीर साहेब जी ने कैसे किया पराजित |||   कबीर साहेब काशी शहर में जुलाहों की बस्ती में दरिद्र अवस्था में रहते थे । उसी शहर में एक महर्षि सर्वानंद रहते थे । उनकी माता श्रीमती शारदा देवी जी भी उनके साथ रहती थीं । शारदा देवी शारीरिक रूप से बहुत बीमार थी । बहुत से वैद्यो को दिखाया । बहुत प्रकार की दवाइयां भी खाई लेकिन कोई लाभ नहीं  हुआ । प्रारब्ध जानकर पापकर्मों को कम करने की दृष्टि से सर्व पूजाएं, तंत्र मंत्र, जादू टोना, धार्मिक क्रियाएं करवा के थक चुकी थी । सभी विद्वान यह कह देते कि पाप कर्म कभी नही कटते, ये सब तो भोगने ही पड़ते है । त्रेतायुग में श्री राम जी द्वारा बाली को मारने का बदला द्वापर में कृष्ण को बाली आत्मा शिकारी बनकर मारने से हुआ । कई लोगों ने शारदा को इस हालत से छुटकारा पाने के लिए कबीर साहेब के यहाँ जाने को कहा । लेकिन ब्राह्मण महिला एक जुलाहे के घर कैसे जाए । एक दिन शारदा देवी जाने को तैयार हुई । सिर पर पल्लू बांधे शारदा ने कबीर जी के चरणों में दंडवत प्रणाम किया, परमेश्वर ने आशीर्वाद भरा हाथ शारदा के सिर  पर रख कर कहा " शारदा...

True knowledge of KABIR saheb.

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||| इस सत्य घटना का इतिहास गवाह है |||   यह उस समय की बात है जब परमात्मा कबीर काशी शहर में रहते थे। उन्हें वहाँ रहते 120 वर्ष हो गए थे । उन दिनों काशी के कर्मकांड़ी पंडितों (तथाकथित गुरुओं) ने यह धारणा फैला रखी थी कि जो मगहर में मरेगा वह गधा बनेगा और जो काशी में मरेगा वह सीधा स्वर्ग जाएगा । परमेश्वर कबीर जी ने इस भ्रम के निवारण के लिए तय किया कि मैं मगहर में जाकर अपना तेज पुंज का शरीर त्यागने की लीला करूंगा जिससे समाज में फैली यह भ्रांति पूर्ण रूप से समाप्त हो जाएगी । उन्होनें घोषणा कि ऐ पंडितों! देख लेना कि मगहर जाकर भी स्वर्ग से ऊपर (सतलोक) जाऊंगा । यह कहकर परमेश्वर कबीर जी ने काशी से मगहर के लिए प्रस्थान किया । बीर सिंह बघेला और बिजलीखां पठान दोनों ही कबीर साहेब के शिष्य थे । दोनों में लड़ाई रहती थी ।  दोनों ही कबीर साहब को दूसरे से ज़्यादा प्रेमी मानते थे । दोनों पक्षों में यह बात चल पड़ी कि कबीर साहब के मरने के बाद उन्हे उनकी रीति से ही अंतिम संस्कार किया जाएगा । बीर सिंह बघेला भी परमेश्वर कबीर साहेब के साथ सेना लेकर चल पड़े । निश्चय कर लिया कि परमेश्वर के शरीर छो...