⚡KABIR is supreme God with proof ⚡
सतगुरु पुरुष कबीर है ,चारों युग प्रवान। झूठे गुरुवा मर गए हो गए भूत मसान ।
पूर्ण परमात्मा KABIR जी है।हम इसे प्रमाण देकर सिध्द करेंगे।
पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब सतयुग में सत सुकृत नाम से आते हैं।
ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 1 मंत्र 9 और सूक्त 96 मंत्र 17 और 18
ऋग्वेद मंडल 9 के मंत्र 1 में प्रमाण है की पूर्ण परमात्मा की परवरिश कुंवारी गायों से होती है और ऐसी लीला KABIR साहिब जी ने की थी।
ऋग्वेद मंडल 9 ,96 के सुक्त मंत्र 17 में प्रमाण है कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहिब बालक रूप मे प्रकट होते हैं और अपनी महिमा खुद बताते हैं।
गीता अध्याय 2 का श्लोक 17
नाशरहित तो उसको जान (येन्) जिसका विनाश करने में कोई भी समर्थ नहीं है।
पूर्ण परमात्मा अविनाशी है, वो कभी मरता नहीं।
और वह कभी न मरने वाला अविनाशी परमेश्वर कबीर साहिब जी है।
पवित्र कुरान शरीफ में प्रभु सशरीर है तथा उसका नाम कबीर है - सुरत-फुर्कानि नं. 25 आयत नं. 52 से 59
Alla Kabir
📚 सर्व सृष्टी रचनहार कबीर परमात्मा है। जो तेजोमय शरीर युक्त है। जो साधकों के लिए पूजा करने योग्य है। जिसकी प्राप्ति तत्वदर्शी संत के द्वारा बताए वास्तविक भक्ति मार्ग से विकार रहित भक्त को होती है। - ऋग्वेद मण्डल 1 सुक्त 1 मंत्र 5
कबीर, वेद पढ़े पर भेद ना जाने, बांचे पुरान अठारह
पत्थर की पूजा करें, भूल गए सिरजनहार।
कबीर परमात्मा साकार है वह सह शरीर है।
यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 1 ,6. 8 यजुर्वेद अध्याय 1 मंत्र 15 यजुर्वेद अध्याय 7 मंत्र 39
#वेद_मेरा_भेद_है
आज तक निकली धर्मगुरुओं ने वेद शास्त्रों से हमें अपरिचित रखा जिसका खामियाजा हम आज तक भुगत रहे हैं शास्त्र विरुद्ध साधना करवा कर भूत प्रेत बना डाला कभी किसी को परमात्मा बताते कभी किसी को परमात्मा बताते हैं ज्यादा जानकारी के लिए देखिए 7:40 pm साधना चैनल
गुरु नानक,धर्मदास जी, गरीब दास जी महाराज,घीसा दास, दादू जी सभी को Lord KABIR जिंदा महात्मा के रूप मिले और Supreme place दिखाया । और सच्चखंड मे साबित किया की Satlok सनातन धाम है ।
वेदों में प्रमाण है कबीर साहेब भगवान है.
https://en.m.wikipedia.org/wiki/Kabir
ऋग्वेद मंडल 9 सुक्त 86 के मंत्र 27 में कहां है परमात्मा ध्दु लोग अर्थात अमरलोक के तीसरे भाग पर विराजमान है। सत्यलोक अर्थात स्वाश्वत स्थान गीता अध्याय 18 श्लोक 62 मे भी वर्णित है।
ऋग्वेद मंडल 9 सुक्त82 मंत्र 1 में कहां है सर्व की उत्पत्ति करने वाला परमात्मा तेजोमय शरीर है पापों का नाश करने वाला और सुखों की वर्षा करने वाला अर्थात सुुुुखों की झड़ी लगाने वाला है वह ऊपर सतलोक में सिंहासन पर बैठा है जो देखने में राजा के समान है।
यही प्रमाण सूक्ष्म वेद में है की:-
अर्श कुर्श पर सफेद गुमट है जहां परमेश्वर का डेरा।
श्वेत छत्र सिर मुकुट विराजे देखत ना उस चेहरे नू।।
यही प्रमाण बाइबिल ग्रंथ तथा कुरान शरीफ में है कि परमात्मा ने 6 दिन में सृष्टि रची और सातवें दिन ऊपर आकाश में तख्त अर्थात सिंहासन पर जा विराजा । (बाइबल के उत्पत्ति ग्रंथ 2/26-30 तथा कुरान शरीफ की सूरत फुरकान 25 आयात 52 से 59 में है)
वह परमात्मा अपने अमरधाम से चलकर पृथ्वी पर शब्दवाणी से ज्ञान सुनाता है वह वर्निया अर्थात आदरणीय श्रेष्ठ व्यक्तियों को प्राप्त होता है उनको मिलता है।
जैसे:-
1)संत धर्मदास जी बांधवगढ़
2) संत मलूक दास जी को मिले
3) संत दादू दास जी को आमेर में मिले
4) संत नानक देव जी को मिले
5) संत गरीबदास जी को गाँव छुड़ानी जिला झज्जर हरियाणा वाले को मिले।
6) संत घीसा दास जी गांव खेकड़ा जिला बागपत वाले को मिले
7) संत जंभेश्वर जी को गांव समराथल राजस्थान वाले को मिले।
वह परमात्मा अच्छे आत्मा को मिलते हैं जो परमात्मा के दृढ़ भक्त होते हैं उन पर परमात्मा का विशेष आकर्षण होता है।
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