Maghar Leela of God Kabir.


परमात्मा कबीर जी के मगहर से सशरीर जाने के प्रमाण को मलूक दास जी भी प्रमाणित करते हुए कहते हैं
काशी तज गुरु मगहर आए,दोनों दीन के पीर, कोई गाड़े कोई अग्नि जरावे, ढूंढा ना पाया शरीर।
चारदाग से सद्गुरु न्यारा अजर अमर शरीर। दास मलूक सलूक कहत है खोजो खसम कबीर।


मगहर लीला 68 मगहर रियासत के अकाल प्रभावित स्थान में गोरखनाथ जैसे सिद्ध पुरुष भी बारिश करवाने में नाकाम रहे थे । लेकिन परमात्मा कबीर जी ने वहां दस मिनट में बारिश करवाकर दिखा दी थी और साबित कर दिया कि वही जगत पालनहार हैं ।

कबीरपरमात्मा द्वारा शिवजी के श्राप से सूखी नदी में जल बहा दीया
मगहर में पहुंचते ही परमात्मा कबीरजी ने जब बहतेपानी में स्नान करने की इच्छा जताई तो बिजली खां ने कहा कि यहां एकआमी नदी है जो शिवजी के श्राप से सूखी हुई है।परमात्माकबीर ने सुखीनदी को जल से बहा दी।




कबीर परमेश्वर जी ने मगहर रियासत में 14वीं शताब्दी में पड़े भीषण अकाल को अपनी समर्थ शक्ति से टालकर वर्षा करके सबको जीवनदान दिया। हजारों हिंदू-मुसलमानों ने उपदेश लिया। एक 70 वर्षीय निःसंतान मुसलमान दंपती को पुत्र होने का आशीर्वाद दिया .


परमात्मा कबीर जी चार दाग से न्यारे हैं!
चदरि फूल बिछाये सतगुरु , देखें सकल जिहाना हो । च्यारि दाग से रहत जुलहदी , अविगत अलख अमाना हो ।।

राम और अल्लाह एक ही हैं!
600 साल पहले कबीर साहेब ने मगहर में शरीर छोड़ने से पहले सभी लोगो को अपना ज्ञान समझाते हुए कहा कि राम और अल्लाह एक ही हैं सभी धर्मों के लोग एक परमपिता की संतान है।



Hindu king Beer Singh बघेल और मुस्लिम राजा बिजली ख़ाँ पठान को कबीर परमात्मा ने सतलोक जाने से पहले कहा जो मेरे जाने के बाद मिले आधा आधा बांट लेना। दो चद्दर और सुगंधित फूल मिले, परमात्मा का शरीर नहीं मिला .

कीन्हा मगहर पियाना सतगुरु,
कीन्हा मगहर पियाना हो।
दोनो दीन चले संग जाके
हिन्दु - मुसलमाना हो।।


कबीर साहेब के सतलोक जाने के बाद मगहर के राजा बिजली खाँ पठान बनारस के राजा बीर सिंह बघेल के बीच अंतिम संस्कार को लेकर बहुत मतभेद हुआ लेकिन कबीर साहेब के जाने के बाद चादर के नीचे शरीर के बदले केवल फूल मिले।दोनों धर्म के लोगों ने आधे आधे फूल बाँट लिए।


जिंदा जोगी जगत् गुरु,मालिक मुरशद पीर दहूँ दीन झगड़ा मंड्या पाया नहीं शरीर
कबीर जी के शरीर को प्राप्त करने के लिए हिंदू-मुसलमान आपस में झगड़े की तैयारी करके मगहर आए थे लेकिन जब शरीर के स्थान पर सुगंधित फूल मिले तो दोनों आपस में लिपट लिपट कर रोने लगे।

परमेश्वर कबीर साहेब ने हीं मगहर से सतलोक गमन करके हिंदू ब्राह्मणों का गलत भ्रम कि मगहर में शरीर तजने वाला गधा बनता है
उससे भी मुक्त किया
✨✨✨✨✨

मगहर में मरने वाला गधा बनता है इस भ्रम का खंडन करते हुए कबीर परमात्मा ने बताया कि जिसके हृदय में परमात्मा का वास हैं वह चाहे काशी में मरे या मगहर में उसकी मुक्ति निश्चित है।
मगहर से सशरीर जाकर कबीर परमात्मा ने प्रमाणित कर दिया कि अविनाशी परमात्मा का जन्म और मृत्यु नहीं होता।


मगहर लीला
आदरणीय गरीबदास जी महाराज ने परमात्मा कबीर साहेब की मगहर लीला(सशरीर सतलोक गमन) का वर्णन करते हुए कहा है कि,
"देख्या मगहर जहूरा सतगुरु, कांशी मैं कीर्ति कर चाले, झिलमिल देही नूरा हो।"




🔹 कबीर साहेब जी ने स्वयं अपनी वानियों में यह स्पष्ट कर दिया है कि उनके कोई माता पिता नहीं थे। न ही उन्होंने मां के गर्भ से जन्म लिया। तथा वो अजर अमर अर्थात अविनाशी हैं। कबीर जी कहते हैं:-

✨ अवधू, अविगत से चले आए,
✨ कोई मेरा भेद मरम नहीं पाया।

⭐ ना मेरा जन्म ना गर्भ बसेरा,
⭐ बालक बन दिखलाया।
⭐ काशी नगर जल कमल पर डेरा,
⭐ वहां जुलाहे ने पाया।

🌟 मात पिता मेरे कछु नाही,
🌟 न मेरे घर दासी।
🌟 जुलहे का सुत आन कहाया,
🌟 जगत करे मेरी हासी।

⚡पांच तत्वों का धड़ नहीं मेरा,
⚡जानुं ज्ञान अपारा।
⚡सत्य स्वरूपी नाम साहेब,
⚡सोई नाम हमारा।

💥अधर दीप गगन गुफा में,
💥तहां निज वस्तु सारा ।
💥ज्योति स्वरूपी अलख निरंजन,
💥वो भी धरता ध्यान हमारा ।

🔥हाड़, चाम, लहु नहीं मेरे,
🔥कोई जाने सत्य उपासी।
🔥तारन तरन अभय पद दाता,
🔥मैं हूं कबीर अविनाशी।।

- साहेब कबीर जी 🙇🏽‍♂️🙏🏽🙏🏽

https://news.jagatgururampalji.org/kabir-sahib-maghar-leela/


कबीर परमात्मा
भक्ति करनी है तो पूर्ण संत रामपाल जी महाराज से नाम लेके ऐसे समर्थ कबीर परमेश्वर की करो

"समर्थ का शरणा गहो रंग होरी हो
कदे न हो अकाज राम रंग होरी हो"

बोलो सतगुरू देव की जय हो 🙏

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