⚡ हमारे पाप कर्म का अंत हो सकता है ?⚡

आइए आज हम बात करने वाले हैं हमारे पाप कर्म के बारे में क्या हमारे पाप कर्म समाप्त हो सकते हैं?
 क्या हम सुखी हो सकते हैं?
 अगर हो सकते हैं तो कैसे?

👉कई साधु-संत कहते हैं की हमारे पापों का फल हमें मिलने वाला है.
👉 अगर हमें अपने पाप कर्मों का फल मिलने वाला ही है तो भक्ति करने का क्या फायदा ?

मगर संत रामपाल जी महाराज जी ने हमें बताया की परमात्मा तो घोर पॉप को भी नष्ट कर के हमें सुखी करता है।


 संत रामपाल जी महाराज जी ने हमैं प्रमाण के साथ बताया कि हमारे प्रारंभ के पाप कर्म समाप्त  हो सकते हैं।

 यजुर्वेद अध्याय 8 के श्लोक 13 मे  कहां है की पूर्ण परमात्मा हमारे पाप नष्ट कर सकता है।

और हमें सुखी भी कर सकता है।



और तो और नकली संतों ने गायत्री मंत्र भी गलत बताया है

वास्तविक गायत्री मंत्र -

यजुर्वेद अध्याय 36 मंत्र 3

भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं । भर्गो देवस्य धीमहि, धीयो यो न: प्रचोदयात्।
वेद मंत्र में कहीं भी ॐ नहीं लिखा है। ये अज्ञानी संतो की अपनी सोच से लगाया गया है।

इस पूरे विश्व में संत रामपाल जी महाराज जी एकमात्र तत्वदर्शी संत है जो हमें हमारे वेद शास्त्रों के अनुसार भक्ति बता रहे हैं।


संत रामपाल जी महाराज वह आध्यात्मिक गुरु है जिन्होंने विश्व के सभी धर्म गुरुओं को आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा में हराया तथा शास्त्र के द्वारा यह प्रमाणित किया कि वास्तव में हम सबका मालिक एक ही है जो कबीर साहेब है!
देखिए साधना चैनल पर रात 7:30 से.

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