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Showing posts from June, 2020

bakra eid mubarak .

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           जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा ।हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।                एक धार्मिक व्यक्ति के लिए अनिवार्य है कि वह 1)नशा ना करें 2)मांसाहार ना करें 3)भ्रष्टाचार न करें 4)दुराचार व्यभिचार न करें 5)अहिंसा वादी हो 6)परमारथी हो 7)दानी धर्मी हो मधुर भाषी हो 8) अपने ताकत का अपने शारीरिक बल या पद का दुरुपयोग न करें 9)दयावान हो प्रत्येक प्रकार के पाप से बचे राग द्वेष न करें 10)शास्त्र अनुकूल भक्ति करे चोरी ना करें डाके  ना डालें उपरोक्त बुराइयों से आप बचे रहें और शास्त्र अनुसार भक्ति कर रहे हैं तो आप धार्मिक है अन्यथा आप मानव का बिगड़ा रूप है। मांस खाना अल्लाह का आदेश नही है । नबी मोहम्मद नमस्कार है,  राम रसुल कहाया।  एक लाख अस्सी कूं सौगंध, जिन नही करद चलाया।  हजरत मोहम्मद जी व उनके 1 लाख 80 हजार अनुयायीयो ने कभी मांस नहीं खाया।  मांस खाने का आदेश अल्लाहु अकबर का नहीं है।  कुरान शरीफ सूरा-अल-बकरा आयत 22 में कहां है । फल और अ...

कबीर परमात्मा का गुढ ज्ञान।

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कबीर परमात्मा के पास ज्ञान का भंडार है। उनके ज्ञान के सामने बाकी ज्ञान फेल है।  और ज्ञान सब ज्ञानड़ी, कबीर ज्ञान सौ ज्ञान। जैसे गोला तोप का, करता चले मैदान।। कबीर परमेश्वर जी ने सभी लोगों को सद्भक्ति बताकर बुराइयों, कुरीतियों और पाखंडवाद से दूर होने का ज्ञान दिया। परमात्मा कबीर जी ने धर्मदास जी को बताया कि मैं अपनी प्यारी आत्माओं को काल के जाल से निकालने के लिए काल के इन 21 ब्रह्मांडो में घुमता रहता हूं और सत्य ज्ञान देकर व शास्त्र के अनुसार भक्ति बताता हु। सतभक्ति से ही मनुष्य जन्म सफल होता है। मानुष जन्म दुर्लभ है, ये मिले ना बारंबार। जैसे तरवर से पत्ता टूट गिरे, वो बहुर न लगता डार।। सभी धर्मगुरूओं का कहना था और आज भी कहना है कि पाप कर्म भोगने से ही समाप्त होगा । लेकिन कबीर परमेश्वर ने बताया है कि सतभक्ति और सतमंत्रो से सारे पाप समाप्त हो जाते है। "जबही सतनाम ह्रदय धरो, भयो पाप को नाश। जैसी चिंगारी अग्नि की, पडि पुरानी घास। कबीर परमात्मा ने ही तत्वज्ञान समझाकर मोक्ष मार्ग दिखाया। परमात्मा कबीर जी आदरणीय धर्मदास जी आदरणीय गरीब दास जी ...

Divine Play of God Kabir.

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5 June को कबीर परमेश्वर का प्रकट दिवस है इस दिन परमात्मा बालक रूप धारण करके सतलोक से आये थे और लहरतारा तालाब में कमल के फूल पर नीरु नीमा को मिले थे| नीरू को धन प्राप्ति  कबीर परमेश्वर जब नीरू नीमा को बालक रूप में मिले तब उससे पूर्व दोनों जने मिलकर कपड़ा बुनते थे 25 दिन बच्चे की चिंता में कपड़ा बुनने का कोई कार्य न कर सके जिस कारण से कुछ कर्ज़ नीरू को हो गया फिर कबीर जी ने कहा कि आप चिंता ना हो आपको प्रतिदिन एक सोने की मोहर पालने के बीछने  के नीचे मिलेगी आप अपना कर्ज उतार कर अपना तथा गऊ का खर्च निकाल कर शेष बचे धन को धर्म-कर्म में लगाना उस दिन के पश्चात 10 ग्राम स्वर्ण प्रतिदिन नीरु के घर परमेश्वर कबीर जी की कृपा से मिलने लगा। धर्मदस को सदमार्ग दिखाना।  भक्त धर्मदास जी बांधवगढ़ के धनी सेठ थे देवी तथा शिव पार्वती की पूजा तीर्थों व धामों पर जाकर स्नान करना आदि शास्त्र विरुद्ध साधना किया करता था धर्मदास जी जब तीर्थ यात्रा पर निकले तो परमात्मा कबीर जी जिंदा महात्मा के वेश में उन्हें मिले और बार-बार ज्ञान की चोट की सतलोक  के दर्शन करें और अपनी शरण में ले...

कबीर परमात्मा के चमत्कार।

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कबीर साहिब जी ही पूर्ण परमात्मा है क्योंकि उन्होंने किसी मां के पेट से जन्म नहीं लिया और ना ही उनकी मृत्यु हुई काशी के लहरतारा तालाब पर आकर प्रकट हुए थे और मगहर शहर से सहशरीर सतलोक चले गए थे क्योंकि वह पूर्ण परमात्मा है उनके अलावा कोई भी परमात्मा अविनाशी नहीं है और परमात्मा जब भी धरती पर आते हैं तो अनेकों चमत्कार करते हैं कबीर परमात्मा ने भी एसे ही अनेक चमत्कार कीये है। पूर्ण परमात्मा के अलावा कोई और चमत्कार नहीं कर सकता क्योंकि जिसने हम सबको बनाया है उसकी शक्ति को कोई भी चुनौती नहीं दे सकता है। पूर्ण परमात्मा जब-जब भी धरती पर आये तब-तब चमत्कार किये व अपने आपको पूर्ण परमात्मा सिद्ध किया। परमात्मा जब भी धरती पर आते हैं तब उनकी परवरिश कुंवारी गायों की दूध से होती है ऐसे ही जब बालक कबीर को दूध पिलाने की कोशिश की नीरू नीमा असफल रहे तब कबीर साहब ने कहा कुवारी गाय ले आओ में उसका दूध पियूंगा और ऐसा ही हुआ । ऋग्वेद  मंडल 9 सुक्त 1 मंत्र 9 मे प्रमाण है कि पूर्ण परमात्मा अमर पुरूष जब लीला करता हुआ बालक रूप धारण करके स्वयं प्रकट होता है तब कुंवारी गाय अपने आप दूध देती है इससे पूर्...