52 Cruelities On God Kabir
कबीर साहेब को लोग एक संत के रुप में देखते है मगर कबीर साहेब वो भगवान, पूर्ण परमात्मा है जनकि खभी जन्म और मृत्यु नहीं होती है।
कबीर परमात्मा काशी में लहरताला तलाब में कमल के फूल पर आके प्रकट हुये थे ओर मगहर से सह शरीर सतलोक में गये थे। ओर लोगोने उस समर्थ परमात्मा को बहुत तकलीफ दी थी ।
मगर वो तो पूर्ण परमात्मा थे कोई उनका कुछ भी बिघाड न सका ।
एक दिन शेखतकी ने कबीर साहेब को तेल की ओखली में खड़े होने को कहा। फिर शेखतकी ने कोल्हू चलाया। लेकिन कबीर साहेब का कुछ बिगाड़ न सका। इसे कहते हैं पूर्ण परमात्मा की महिमा। सिकन्दर बादशाह ने तेल के परीक्षण के लिए अपनी उंगली डाली तो उसकी उंगली जल गई। लेकीन अविनाशी परमात्मा कबीर साहेब जी को कुछ भी नहीं हवा।
दिल्ली के सम्राट सिकंदर लोधी ने अपने हाथों से कबीर जी को हथकड़ियाँ लगाई,पैरों में बेड़ी तथा गले में लोहे की भारी बेल डाली आदेश दिया गंगा दरिया में डुबोकर मारने का उनको दरिया में फैंक दिया। कबीर परमेश्वर जी की हथकड़ी, बेड़ी और लोहे की बेल अपने आप टूट गई ।
कबीर साहेब को मारने के लिए एक दिन शेख तकी ने सिपाहियों को आदेश दिया कि कबीर साहेब को पेड़ से बांधकर शरीर पर बड़ी-बड़ी कीलें ठोक दो लेकिन जब कीले ठोकने चले तो सिपाहियों के हाथ पेर काम करना बंद हो गए और वहां से भाग गए और शखतकी को फिर परमात्मा कबीर साहेब के सामने लज्जित होना पड़ा था।
कबीर साहब एक जुलाहा की भूमिका में कपड़े बुनने का काम करते थे उनके पास दो वक्त की रोटी तक खाना मुश्किल था मगर काशी के झूठे पंडितों ने यह खबर फैला दी कि कबीर जी 3 दिन भंडारा करवाने वाले हैं और साथ में एक एक सोने का सिक्का भी देने वाले हैं इस खबर से 18 लाख लोग इकट्ठा हो गए तब कबीर परमेश्वर जी ने केशव रूप धारण करके सतलोक से भंडारा की व्यवस्था की परमात्मा कबीर रूप में भी विराजमान थे और केशव हो रूप में भी विराजमान थे।
कबीर परमेश्वर जी ने 18 लाख लोगों को भोजन खिला कर सिद्ध कर दिया कि वही पूर्ण परमात्मा है सबके जीवन रक्षक है।
एक बार दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोध के पीर शेख तकी ने कहा कि अगर यह कबीर अल्लाह है तो इसकी परीक्षा ली जाए कोई मुर्दा जीवित करें तब सर्वशक्तिमान कबीर परमात्मा ने दरिया में बहते आ रहे एक लड़के के शव को हजारों लोगों के सामने जीवित कर दिया और सिद्ध कर दिया कि पूर्ण परमात्मा मृत व्यक्ति को भी जीवित कर सकता है।
एक बार दिल्ली के राजा सिकंदर लोधी ने एक गर्भवती गाय को तलवार से काट दिया तब राज ने कहा कि कबीर यदि तू खुदा है तो इस गाय को जीवित कर दे साहेब कबीर ने उसी समय आशीर्वाद देकर मरी गाय को जीवित कर दिया तथा दूध की बाल्टी भर दी और कहा गऊ अपनी अम्मा है इस पर छुरी ना बहा गरीबदास घी दूध को सभी आत्म खाए।
🌸 कबीर साहेब जी को 52 कसनी (52 बदमाशी) दी गयी। फिर भी उनका कुछ नहीं हुआ क्योंकि कबीर साहेब जी अविनाशी थे।लगभग 600 साल पहले जब परमेश्वर कबीर साहेब जीवों का उद्धार करने के लिए धरती पर आये तो पाखंडवाद का विरोध किया और सद्ग्रंथो में वर्णित सत्यभक्ति का प्रकाश फैलाया। हिन्दु धर्म में प्रचलित पाखंड पूजाएं, शास्त्र विरुद्ध साधनाओं और मुस्लिम धर्म में प्रचलित जीव हत्या का कबीर परमात्मा ने पुरजोर विरोध किया। उस समय परमात्मा के 64 लाख शिष्य हुए। दोनों धर्मों के और सभी वर्गों के व्यक्तियों ने परमेश्वर कबीर साहेब से उपदेश प्राप्त किया क्योंकि परमेश्वर कबीर साहेब के आशीर्वाद से सभी के दुखों का अंत हो जाता था। उन्ही शिष्यों में से एक था दिल्ली का सुल्तान सिकंदर लोधी।
👉 सिकंदर लोधी के जलन का रोग था जिसका इलाज वो हर पीर फ़कीर से करवा कर थक चुका था। उसका वो रोग परमात्मा कबीर साहेब जी की शरण में आने के बाद ही ठीक हुआ था। उसी के सामने कबीर परमात्मा ने स्वामी रामानंद जी और एक मृत गाय को जीवित किया थ। तब से सिकंदर लोधी, कबीर साहेब जी को अल्लाह मानता था। इस कारण से सिकंदर लोधी का धार्मिक गुरु शेख तकि कबीर साहेब से ईर्ष्या करता था । कबीर साहेब को अपने रास्ते से हटाने के लिए उसने कई बार उन्हें मरवाने की नाकाम कोशिश की।
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